आज सरस्वती पूजा है ईस अवसर पर सभी को बधाई आज माँ शारदे की वंदना करते हैं -
माँ शारदा की स्तुति
माँ शारदे !
कहाँ तू वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू जग को लुभा रही हैं,
किस भाव में भवानी तू मग्न हो रही है,
विनती नहीं हमारी तू क्यों माँ सुन रही है,
हम दीन बाल कब से विनती सुना रहें हैं,
चरणों में तेरे माता हम सिर झुका रहे हैं,
अज्ञान तुम हमारा माँ शीघ्र दूर कर दो,
द्रुत ज्ञान शुभ्र हममें ओ वीणा पाणिभर दो,
बालक सभी जगत के सूत मातु हैं तुम्हारे,
प्राणों से प्रिय तुम्हें हम पुत्र सब दुलारे,
हमको दयामयी ले निज गोद में पढाओ,
अमृत जगत का हमको माँ शारदा पिलाओ,
मातेश्वरी ! सुनो अब सुंदर विनय हमारी,
कर दया दृष्टी हर लो , बाधा जगत की सारी
सरस्वती वन्दना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
प्रेम और युद्ध
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#LoveAndWar
दिनकर लिखते हैं - " समस्या युद्ध की हो अथवा प्रेम की, कठिनाइयाँ सर्वत्र
समान हैं। " - दोनों में बहुत साहस चाहिए होता है ! हवा में तलवार भांजना
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4 वर्ष पहले